बुधवार, 25 फ़रवरी 2009

मुखौटा


खट्टी-मीठी यादों से मेरी बहुत सी यादें जुडी हैं , वो फिर कभी अवसर मिलते ही पोस्ट करुन्गी लेकिन पहले वो छोटी छोटी कहानियां/घटनाएं जिन्होंने मुझे लिखने पर मजबूर कर दिया


मुखौटा

मेट्रिक पास , उम्र लगभग सोलह साल ,बातों में इतनी कुशल कि बड़े-बड़ों मात दे जाए , साँवला रंग , दरमियान कद , दुबली-पतली,तेज़ आँखें , चुस्त - दुरुस्त, व्यक्तित्व ऐसा कि क्या डॉक्टर, क्या इन्जीनियर , क्या करोड़पति महिलाएं उसके इशारे पर नाचने को मजबूर हो जाती है
बड़ी ही चालाकी से वह दूसरों के बाल काट देती है , केवल बाल ही नहीं काटती मुँह पर थपेड़े भी मारती है और किसी को बुरा भी नहीं लगता बल्कि इसके लिए मिलती है उसको अच्छी खासी मोटी रकम भी (जो वह किसी और के लिए होती है) कोई खुशी से देती है तो कोई मजबूरी में लेकिन देती सब है,जिसको वह अपनी उंगलियों पे नचाती है जिस तेज़ी के साथ चेहरे पर उसके हाथ चलते है उसी आत्म-विश्वास के साथ चलती है बालों में कैंची कभी वह अपनी गोदी में पैर रख कर बिना किसी भेद-भाव और नफरत के करती है दूसरों के पैरो और नाख़ुनों की सफाई और कभी उतनी ही ईमानदारी से करती है मालिश और साथ - साथ में चलती रहती है उसकी मीठी जुबान भी अपने हाथों और जुबान में तालमेल बैठाना वह बखूबी जानती है
जी हाँ ! मैं जानती हूँ एक ऐसी लड़की को जो एक लेडिज़ ब्यूटी पार्लर में काम करती है नहीं , वह केवल ब्यूटी पार्लर में काम नहीं करती , बल्कि एक घरेलू कन्या है
घरेलू कन्या ! नहीं घरेलू नौकरानी है अरे ! वह एक छोटे बच्चे की आया भी है , अभी वह स्वयं भी बच्ची ही है छोटी सी गुड़िया को नहलाना,उसका लन्च बॉक्स तैयार करना और फिर स्कूल(डे केयर) छोड़ने जाना वापिस आ कर सबका नाश्ता तैयार करना ,सबको खिलाना,बर्तन साफ करना ,ब्यूटी पार्लर में जाना और जुट जाना अपने काम में दोपहर का भोजन भी वही बनाती है , शाम तक कार्य और फिर बच्ची को स्कूल से लाना, घर जाकर रात का खाना बनाना,बर्तन साफ करना,रात को कपड़े धोना,सुखाना और अगली सुबह सबके पहनने के लिए कपड़े इस्तरी करना और फिर जाकर पूरी दुनिया को सुलाकर सोना, सुबह सूर्य की पहली किरण से पहले जागना उसका नियमित कार्य है फिर भी उसके चेहरे पर कभी उदासी नहीं देखी हमेशा मुस्कराता हुआ चेहरा अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है
उसे देखने पर ऐसा महसूस होता है मानो दुनिया की सबसे खुश रहने वाली लड़की वही है कभी कोई शिकन नहीं , और न ही कोई शिकायत निम्मो यही नाम है उसका या फिर सभी उसे इसी नाम से बुलाते है कभी -कभी मुलाकात हो जाती है , जब मैं भी अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जाती हूँ दोनों बच्चे एक ही स्कूल में है जब मिलती है तो थोड़ी बातचीत होना स्वाभाविक है
एक दिन ऐसे ही बातों ही बातों में मैंने पूछ लिया, (जो शायद मुझे नहीं पूछना चाहिए था ) तुम्हें कितनी तनख्वाह मिलती है ? (निम्मो के चेहरे पर कुछ अजीब से भाव दौड़ गए ,लेकिन बिना मुझे महसूस करवाए उसने उत्तर दिया) दो हजार मैडम
केवल दो हजार ....?
(चेहरे पर व्यंज्ञात्मक हँसी को छुपाने का असफल प्रयास करती हुई) बहुत है मैडम
पर तुम दिन भर काम करती हो बच्चे को सँभालना, घर की सारी जिम्मेदारी और फिर ब्यूटी पार्लर में भी काम देखना ,कैसे कर लेती हो यह सब ?
हो जाता है मैडम .....
पर इतनी कम तनख्वाह में कैसे ....? तुम्हें तो काम करने का अनुभव है फिर तुम अपना स्वयं का काम क्यों नहीं शुरू कर लेती ?अच्छी -खासी कमाई भी होगी और इतना काम भी नहीं करना पड़ेगा.....
(निम्मो की आँखें आँसुओं से छलक आई ) मजबूरी मैडम......
बस निम्मो इतना ही बोल पाई थी कि पीछे से उसकी किसी नियमित ग्राहक ने आवाज़ दे कर बुलाया निम्मो ने बिना कोई देरी किए अपने आँसू पोंछ लिए और पीछे मुड़कर उसे हँसते हुए बुलाया , उसके चेहरे पर वही हँसी थी मैं उस हँसी का राज जान चुकी थी पहली बार मुझे उसकी हँसी नकली प्रतीत हुई और लगा जैसे उसने चेहरे पर मुखौटा ओढ़ रखा हो
(जिस चेहरे पर मैंने सदा हँसी ही देखी , उसकी आँखों में आँसू देखकर मुझे खुद को ग्लानि अनुभव हुई)
निम्मो तो अपने उसी अंदाज में बात कर रही थी और मैं खड़ी हुई निम्मो की मजबूरी सोचने पर मजबूर थी कितने ही प्रश्न मन में उठने लगे थे ? मेरे पास हर प्रश्न का जवाब तो था मगर कोई हल नहीं
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6 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया जैसी भी हमारे आगे है....अत्यंत ही बेदर्द है.......और निहायत ही गैर संवेदनशील भी और हमें ना चाहते हुए भी इसे इसी रूप में देखना है.......बेशक हमारी आँखे फटी-की-फटी ही क्यूँ ना रह जाएँ......!!

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  2. सीमा जी बहुत अच्छा लिखा है, बस स्पीड भले ही कम रखें पर फॉर्म में बने रहिये , आपको पढ़ के मज़ा ही आयेगा !

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  3. khuub likhti hai aap seemaji .., khatti mithi yadon ko mera salam ..,muhjhe laghu kathae pasand hai..,ummid karta hun ki aapse hamen dimagi khurak milti rahegi...,
    meri shubh kamnae sweekar karen..., mk

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  4. ब्लोगिंग जगत मे आपका स्वागत है
    शुभकामनाएं
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

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  5. padhkar aapki agli post ka intjaar karne lag gaya

    ------------------------------------"VISHAL"

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  6. mere har swaal kaa jawaab to yhaa,,,,par hal koi nahin,,,,,,,
    bahut sahi tareeke se aap nimmo ko bayaan kar gayeen

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